“ऑप्शन खरीदने से ट्रेडर्स को विभिन्न कार्यों और तरीकों के लिए अनुकूलित करने की क्षमता मिलती है, जिससे वे बाजार में उतार-चढ़ाव से लाभ कमा सकते हैं जबकि संभावित हानियों को कम कर सकते हैं। हालांकि, इस रणनीति का विस्तार करने के लिए, एक को शेयर बाजार का संपूर्ण ज्ञान होना चाहिए और विश्वसनीय तकनीकों को लागू करना चाहिए। इस लेख में, हम सफल ऑप्शन खरीदने के लिए कुछ विश्वसनीय रणनीतियों पर नज़र डालते हैं।
ऑप्शंस के दो प्रकार होते हैं:
कॉल ऑप्शंस: धारक को निर्धारित मूल्य पर अंतर्निहित संपत्ति को खरीदने का अधिकार प्रदान करते हैं।
पुट ऑप्शंस: धारक को निर्धारित मूल्य पर अंतर्निहित संपत्ति को बेचने का विकल्प प्रदान करते हैं।
प्रमुख बिंदु:
स्ट्राइक प्राइस: वह मूल्य जिस पर संपत्ति को खरीदी या बेची जा सकती है।
एक्सपायरेशन डेट: अंतिम तिथि जिस तक ऑप्शन का उपयोग किया जाना चाहिए, अन्यथा यह समाप्त हो जाएगा और मूल्य खो देगा।
प्रिमियम: ऑप्शन खरीदने के लिए आवश्यक राशि।
इन-द-मनी (ITM): जब ऑप्शन की अंतर्निहित मूल्य होती है, तो इसे इन-द-मनी (ITM) कहा जाता है (उदाहरण के लिए, एक कॉल ऑप्शन जहाँ संपत्ति की कीमत स्ट्राइक प्राइस से ऊपर होती है)।
आउट-ऑफ-द-मनी (OTM): एक कॉल ऑप्शन जिसे स्ट्राइक प्राइस से कम कीमत पर संपत्ति मिलती है, उसे आउट-ऑफ-द-मनी (OTM) कहा जाता है यदि ऑप्शन की कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं है।
एट-द-मनी (ATM): जब स्ट्राइक प्राइस और संपत्ति की कीमत समान होती है, तो इसे एट-द-मनी (ATM) ट्रेडिंग कहा जाता है।”
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